जनसंवाद डेस्क: ओलचिकि हूल बैसी व अन्य सामाजिक गठनों ने शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर पोटका विधायक संजीव सरदार को मांग पत्र सौंपा। इसमें कहा गया- आदिवासी संथाल समाज के आर्थिक, क्षणिक, सामाजिक, संवैधानिक अधिकार को लेकर हत्वपूर्ण मांग पत्र कई बार जनप्रतिनिधियों व राज्य सरकार को दिया गया, लेकिन आज तक सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। इस कारण आदिवासी संथाल समाज के लोग खुद को ठगे हुए महसूस कर रहे हैं।
आदिवासी हूल बैसी नई शिक्षा नीति-2020 के तहत प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में पठन-पाठन के लिए ओलचिकी लिपि में पाठ्य पुस्तकों की छपाई व शिक्षकों की बहाली करते हुए पढ़ाई शुरू करने, संथाली अकादमी का गठन करने और झारखंड में संथाली को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने के लिए आंदोलनरत हैं।
मौके पर मुख्य रूप से हरिपदो मुर्मू, पुनता मुर्मू, दुर्गाचरण मुर्मू, भोक्ता हांसदा, भागवत मार्डी, सुकुमार सोरेन, सुखराम किस्कू आदि मौजूद थे।