सरायकेला / Balram Panda: राजनीति में जब संवेदनाओं की जगह आत्मीयता और अपनापन ले ले, तो वह नेता नहीं बल्कि लोगों के दिलों का सच्चा प्रतिनिधि बन जाता है. सरायकेला विधानसभा से प्रत्याशी गणेश माहली ने एक बार फिर यही उदाहरण पेश किया.
अपने निजी सहायक श्री शिशिर मंडल की माता के निधन की सूचना मिलते ही गणेश माहली ने सारे राजनैतिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए और शोक संतप्त परिवार के बीच पहुँच गए. केवल सांत्वना देने ही नहीं, बल्कि उन्होंने अर्थी को कंधा देकर यह साबित किया कि उनके लिए सहयोगी सिर्फ कर्मी नहीं, परिवार का हिस्सा हैं.
इस दुःखद अवसर पर श्री माहली ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की और शोकाकुल परिवार को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की.
स्थानीय लोगों ने भी इस सादगी और मानवीयता से परिपूर्ण इस व्यवहार की सराहना की. एक स्थानीय बुज़ुर्ग ने कहा, “ऐसे नेता बिरले होते हैं जो पद से नहीं, अपने कर्मों से लोगों के दिलों में जगह बनाते हैं.”
गणेश माहली की यह संवेदनशीलता और जनसामान्य से जुड़ाव ही उन्हें क्षेत्र की राजनीति में अलग पहचान दिलाता है.