खरसावां / Umakant Kar : खरसावां में पारंपरिक छऊ नृत्य कला को संजीवनी देने के उद्देश्य से मंगलवार को एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान छऊ नृत्य कला केंद्र, खरसावां को पुनः सक्रिय रूप से संचालित करने तथा युवाओं को इससे जोड़ने को लेकर विस्तृत चर्चा हुई.
बैठक को संबोधित करते हुए स्थानीय विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि खरसावां छऊ की अपनी एक विशिष्ट पहचान रही है. यहां के कलाकार प्रतिभा के धनी हैं, और यह कला वैश्विक मंच पर पहुंचने की क्षमता रखती है. उन्होंने छऊ नृत्य के उत्थान के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया.
श्री गागराई ने कहा कि छऊ नृत्य कला केंद्र का जीर्णोद्धार कराया जाएगा, कलाकारों को आर्थिक अनुदान दिलाने के लिए वे संबंधित विभागीय मंत्री से जल्द ही मुलाकात करेंगे. उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य खरसावां छऊ को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाना है.
इस अवसर पर आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष भोला मोहंती और सचिव सुदीप कवि ने विधायक गागराई की पहल की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था, जिसका सकारात्मक असर अब दिखने लगा है.
एसोसिएशन के संरक्षक मनोज चौधरी ने कहा कि छऊ नृत्य की तीनों शैलियों – सरायकेला, मयूरभंज और पुरुलिया – के विकास और संवर्धन के लिए संस्था पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि केंद्र में युवाओं को छऊ नृत्य का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे दक्ष कलाकार बन सकें.
बैठक के दौरान छऊ नृत्य कला केंद्र की समिति का पुनर्गठन भी किया गया. सर्वसम्मति से विधायक दशरथ गागराई को समिति का अध्यक्ष सह मुख्य संरक्षक, जबकि मोहम्मद दिलदार को सचिव चुना गया. अन्य पदाधिकारियों के नामों की भी घोषणा की गई.
इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बाल कलाकारों ने नृत्य और संगीत के माध्यम से समां बांध दिया. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गई.
बैठक में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता बृजेंद्र पटनायक, अनूप कुमार सिंहदेव, पूर्व प्राचार्य प्रो. नागेश्वर प्रधान, दिलीप प्रधान, सुमंत मोहंती, वरिष्ठ कलाकार अविनाश कवि, कमल साहू, पिनाकी रंजन, मनोज सोय, सुदीप घोड़ेई, बसंत गणतायत, जितेंद्र घोड़ाई, नयन नायक, समीर नायक सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे.