जनसंवाद डेस्क: कर्नाटक की किताबों में अंबेडकर, नेहरू की फिर से वापसी हो गयी है, वहीं कांग्रेस सरकार ने आरएसएस के हेडगेवार और सावरकर से जुड़े अध्याय हटा दिए हैं। कर्नाटक मंत्रिमंडल ने गुरुवार को राज्य के स्कूलों में कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन को मंजूरी दे दी।
संशोधन के मुताबिक, किताबों से आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार पर अध्याय हटा दिया जाएगा। वहीं सावित्रीबाई फुले, चक्रवर्ती सुलिबेले, इंदिरा गांधी को जवाहरलाल नेहरू के पत्र और बीआर अंबेडकर पर लिखी कविता को जोड़ा जाएगा। सीधे शब्दों में कहें, तो कर्नाटक में कांग्रेस सरकार पिछली भाजपा सरकार द्वारा लाए गए सभी परिवर्तनों को वापस कर रही है।
कैबिनेट ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए राज्य में कक्षा छह से दस तक की कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों के पाठ्यक्रम में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने सभी विद्यालयों और कॉलेजों में प्रतिदिन संविधान की प्रस्तावना के पाठ को अनिवार्य बनाने का फैसला किया। कैबिनेट की बैठक में यह भी फैसला किया गया कि समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले, इंदिरा गांधी को लिखे गए नेहरू के पत्रों और डॉ़ बी आर आंबेडकर पर कविता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पिछली सरकार द्वारा किए गए परिवर्तनों को हटाया जाएगा।
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया था कि वह स्कूली पाठ्यपुस्तकों में भाजपा सरकार द्वारा किए गए बदलावों को हटा देगी। कांग्रेस ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को भी खत्म करने का वादा किया था। कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री एच के पाटिल ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा, “पाठ्यपुस्तकों में संशोधन के संबंध में कैबिनेट ने विभाग द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा की और अपनी मंजूरी दे दी…।”