खरसावां / Umakant Kar : कुचाई के भगवान बिरसा मुंडा स्टेडियम में अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर झारखंड स्टेट लाइवलीहूड प्रमोशन सोसायटी ग्रामीण विकास विभाग झारखंड सरकार के द्वारा अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस-2025 एवं कुचाई जेंडर रिसोर्स सेंटर का उदघाटन समारोह का आयोजन किया गया. समारोह का विधिवत उदघाटन सांसद प्रतिनिधि मानसिंह मुंडा, विधायक प्रतिनिधि अनुप सिंहदेव, कुचाई प्रमुख गुडडी देवी, उप प्रमुख सुखदेव सरदार, कुचाई अंचल अधिकारी सुषमा सोरेन आदि ने दीप प्रज्जलीत कर किया. इस कार्यक्रम में नारी की मान-सम्मान, अधिकार व महिला सशक्तिकरण पर बल देते हुए महिलाओं को उनके अधिकारो से अवगत, महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाने, बेटी बचाओ बेटी आदि संदेश दिया गया.
मौके पर सांसद प्रतिनिधि श्री मुंडा ने देश के विकास में महिलाओं का योगदान सर्वोपरि हैं. महिला आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नही है. सामाजिक परिस्थिति को बदलने के लिए नारी को सशक्त होना होगा. वही श्री सिंहदेव ने कहा कि जब तक लोगो के मानसिकता में बदलाव नही होता तब तक महिला दिवस कैसे मनाया जा सकता है. महिलाओ को शिक्षित होने के साथ कानुनी रूप से जागरूक होने की आवश्यकता है. इसके अलावे रंगारंग सास्कृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
माता शिक्षित नही तो संतानों का कल्याण संभव नही-प्रमुख
कुचाई प्रमुख गुडडी देवी ने कहा कि भारत के मध्य व पुनर्जागरण काल के दौरान स्त्रियों को पुरूषों से अलग तरह की शिक्षा देने की धारनाा विकसित हुई थी. वर्तमान दौर में से बात सर्वमान्य है कि स्त्री को भी उतना शिक्षित होना चाहिए, जितना कि पुरूष हो। ये सिद्व सत्य है कि यदि मात शिक्षित न होगी तो देश की संतानों की कदापि कल्याण संभव नही हो सकता है. शिक्षा महिला विकास का साधन है-सुषमा सोरेन कुचाई अंचल अधिकारी सुषमा सोरेन ने कहा कि महिला विकास में शिक्षा महत्वपूर्ण है. शिक्षा लड़कियों और महिलाओं को सक्षम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. शिक्षा महिला विकास का साधन है.
कार्यक्रम में सांसद प्रतिनिधि मानसिंह मुंडा, विधायक प्रतिनिधि अनुप सिंहदेव, कुचाई प्रमुख गुडडी देवी, उप प्रमुख सुखदेव सरदार, कुचाई सीओ सुषमा सोरेन, कुचाई थाना प्रभारी नरसिंह मुंडा, दलभंगा ओपी प्रभारी रविन्द्रर मुंडा, बीपीएम रमेश द्विवेदी, सीएमएफ अध्यक्ष पार्वती गागराई, पंसस लालमुनी मुंडा, मुखिया मंगल सिंह मुंडा, मुखिया अनुराधा उरांव, मुखिया सरस्वती मिंज,अमित दुबे, धमेन्द्र सिंह मुंडा, फागु मुंडा, बनवारी लाल सोय, रश्कि लाल सोय, बदन सरदार, कैरी सोय आदि मौजूद थे.