जनसंवाद, खरसावां (उमाकांत कर): विश्व आदिवासी दिवस पर खुंटी सांसद कालीचरण मुंडा ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा माल्यार्पण कर नमन किया।
मौके पर कालीचरण मुंडा ने कहा कि कहा देश में साम्राज्यवाद, देशी-विदेशी,काॅरपोरेट घरानों, उद्योगपतियों के नव उदारवादी आर्थिक नीतियों को एनडीए के द्वारा जबरन आदिवासियों के ऊपर थोपा जा रहा है। आदिवासी दिन ब दिन शोषण, दमन एवं विस्थापन का शिकार हो रहे हैं। इसके विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ का यह प्रस्ताव एक व्यापक आंदोलन के लिए देश भर के विभिन्न संगठनों को एक संयुक्त मंच बनाने का अवसर प्रदान करती है। ऐसा हुआ तो जल,जंगल, जमीन पर आदिवासियों का पूर्ण अधिकार एवं स्वायत्तता स्वत: हासिल हो जाएगी।
उन्होने आगे कहा की संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1994 में अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस की स्थापना की थी। यह दिवस 1982 में हुई पहली बैठक की तारीख को चिन्हित करता है, जिसमें आदिवासी समुदायों के मुद्दों पर चर्चा की गई थी। 2007 में,संयुक्त राष्ट्र ने आदिवासी लोगों के अधिकारों पर एक घोषणा पत्र (UNDRIP) को अपनाया, जिसने आदिवासी समुदायों के अधिकारों को वैश्विक स्तर पर मान्यता दी।उन्होने आगे कहा भारत में भी आदिवासी समुदायों का अहम योगदान रहा है।
आदिवासी समुदाय के लाेगों की देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूदगी है। आदिवासी समुदाय अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं के साथ जुड़े हुए हैं। आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक धरोहर और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार और समाज का सहयोग जरूरी है।
मौके पर मंत्री झारखंड सरकार दीपिका पांडेय सिंह,लोहरदगा सांसद सुखदेव भगत,ललित महतो, विजय कुमार स्वांसी उपस्थित थे।