आदित्यपुर / Balram Panda : झारखंड के नामचीन कंपनी रामा कृष्ण फोर्जिंग लिमिटेड समीप एस.एस.पी.एल सिलिकॉन शेफ फ्राइवेट लिमिटेड कंपनी के ठेकेदार द्वारा मजदूरों को उनके हक के पैसे देने में आना कानी किया जा रहा है. बता दे लगभग 55 से 60 कामगार तीन महीने से श्रम आयुक्त और कंपनी के संवेदक एस.एस.पी.एल ऑफिस के चक्कर लगा रहे है लेकिन उनको इंसाफ नहीं मिल रहा है.
ऐसे में इंटक नेत्री श्रीमती मीरा तिवारी हर समय मजदूरों के साथ उनकी लड़ाई में साथ खड़ी नजर आती है ज्ञात हो कि इससे पूर्व ही श्रम आयुक्त से इंसाफ की गुहार लगाई थी उसके उपरांत कोई हल नहीं निकलने के बाद सभी मजदूर इंटक के प्रदेश अध्यक्ष और मजदूर नेता श्री राकेश्वर पाण्डेय से मिलने गए. उनके द्वारा इन्हें 6 तारीख का टाइम दिया गया लेकिन उस दिन भी एस.एस.पी.एल कंपनी अपनी बातों से पीछे हट गई और उनके हिसाब में ही गड़बड़ झाला कर दिया उन मजदूरों के ग्रेच्युटी बोनस छुट्टी और पी एफ के पैसे में भी कटौती कर के श्रम आयुक्त कार्यालय में प्रस्तुत किया गया. इस पर सभी मजदूर भड़क गए और उनकी गड़ना को अस्वीकार कर दिया जिससे श्रमायुक्त श्री अविनाश ठाकुर ने एसएसपीएल कंपनी को फटकार लगाते हुए अगली तिथि तय की और आदेश दिया.
उन्होंने 20 अगस्त को फिर से नए सिरे से हिसाब करके कर्मचारियों के पुरे कार्यकाल का ग्रेच्युटी पीएफ और छुट्टी का पूरा ब्योरा अकाउंट से निकाल कर प्रस्तुत करने का आदेश दिया. बताया इस तरह श्रम कानून की धज्जियां उड़ाते संवेदक थोड़े पैसे बचाने के लिए मजदूरों के जीवन के साथ खिलवाड़ करते है उनके जीवन यापन में कठिनाइयां पैदा करते है. जब तक प्रबंधन और संवेदक द्वारा मजदूरों के साथ छलावा किया जाता रहेगा, तब तक उनका विश्वास कभी किसी मजदूर नहीं कर पाएगा, और सरकारी तंत्र से भी उनका भरोसा उठ जायेगा. एक तरफ सरकार स्थानीय को रोजगार देने का दावा करती है और दूसरी तरफ इंसाफ के लिए मजदूर दर दर की ठोकरें खा रहे है अब देखना है की इंटक नेत्री का प्रयास और श्रम आयुक्त का हस्तछेप मजदूरों के हित में फाइनल सेटलमेंट में कितना सहायक हो पाती है.