जनसंवाद, जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम भाजपा’ के फ़ेसबुक सोशल मीडिया हैंडल द्वारा मुखी समाज को ग़द्दार और देशद्रोही कहे जाने के बाद आम लोगों में रोष व्याप्त है। इससे भाजपा का असली एससी विरोधी चरित्र खुल कर सामने आ गया है। भाजपा के रवैये से सिर्फ मुखी समाज ही नहीं बल्कि पूरे का एससी समाज में रोष है।
मीडिया को संबोधित करते हुए एससी सेल के ज़िला अध्यक्ष लखिंदर करुआ ने कहा की भाजपा ने ही एसी समाज के जाति प्रमाण पत्र का हक़ छीना था। हमारे समाज को ग़द्दार और देश विरोधी कहने पर भाजपा को इस चुनाव में मुँह की खानी पड़ेगी। भाजपा आधिकारिक रूप ने पूरे एससी समाज से माफी मांगे।
वहीं एससी सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष शेखर रजक ने साफ़ तौर पर भाजपा के खिलाफ वोट देने की अपील की। उनका कहना है “सम्मान नहीं तो वोट नहीं”। जिस समाज से सेना में और देश के फोर्स में जवान जा रहे हैं उस समाज को सिर्फ बीजेपी को वोट नहीं करने पर ग़द्दार और देश द्रोही कहा जाना कहां तक उचित है?
वहीं रविदास प्रगति संघ के जवाहर लाल ने कहा, “ये रघुवर दास की सरकार ही थी जिसने फ़रवरी 2019 में जाति प्रमाण पत्र के हक़ को छीना था जिससे पूरे समाज को कोई भी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। जिसके बाद हेमंत सरकार ने पिछले विधानसभा सत्र में उनको ये हक़ दिया। अब जन प्रतिनिधि के चिट्ठी होने पर ज़िला अधिकारी को स्थानीय जांच करके पूरे एससी समाज को जाति प्रमाण पत्र देना पड़ेगा।
ऋषभ रंजन ने कहा, “जो समाज वोट ना दें उसे ग़द्दार और देशविरोधी कहना सिर्फ एससी समाज नहीं बल्कि पूरे जमशेदपुर की जनता का अपमान है। उल्लेखनीय है कि सीएनटी और एसपीटी एक्ट में सिर्फ कुछ मिनटों में रघुवर दास ने संशोधन कर महामहिम राष्ट्रपति को भेज दिया था। जिसके बाद राष्ट्रपति ने जन विरोधी नीति को ख़ारिज कर दिया। ऐसा ही 2018 में एससी/एससटी एक्ट में उसके कड़े क़ानून को धूमिल करने की कोशिश मोदी सरकार ने की थी। तो अगर कोई एससी/एसटी विरोधी पार्टी है तो वो भाजपा ही है।”
भाजपा पूरे देश में पिछड़े समाज के खिलाफ षड्यंत्र रचने का काम करती है। ये उन्नाव, ऊना, हाथरस कांड से जग ज़ाहिर है. इस अवसर पर पारस मुखी एवं कमलेश मुखी सहित अन्य लोग उपस्थित थे.